पालक में हैं भरपूर औषधीय गुण
पालक में विटामिन ए,बी,,सी और इ एवं प्रोटीन,सोडियम,,केल्शियम ,फास्फोरस और लोह तत्व पाया जाता है| यह रक्त की शुद्धि करता है और रक्ताणुओं में वृद्धि करता है| पालक में प्रोटीन उत्पादक एमिनो एसीड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है|इसके हरे पत्तों में ऐसा तत्त्व होता है जो प्राणी मात्र का विकास और वृद्धि करता है| पालक बुद्धि बढ़ाने में सहायक है| पालक कफ एवं श्वास रोगों में हितकर है| पालक आँतों को क्रिया शील रखता है और आँतों में मौजूद मल को बाहर निकालने में सहायता करता है| मधुमेह रोग में भी पालक की उपयोगिता साबित हो चुकी है| इसके बीज पीलिया और पित्त प्रकोप से निजात दिलाने में सहायक हैं| कच्चा पलक खाने में खारा और थौड़ा कड़वा होता है लेकिन बहुत लाभ कारी है| दही के साथ कच्चे पालक का रायता स्वादिष्ट और गुणकारी होता है| सम्पूर्ण पाचन संस्थान के लिए पालक अति उपयोगी है|
पालक निम्न रोगों में हितकर है-
रक्त वृद्धि के लिए पालक का रस आधा गिलास में दो चम्मच शहद मिलाकर रोजाना दो माह तक पीने से शरीर में खून की वृद्धि होती है |
गले की जलन में पलक के रस से कुल्ले करने से लाभ होता है|
पालक के पत्तों का रस या क्वाथ पीने से पथरी पिघल जाती है| और मूत्र वृद्धि होकर इसके कण बाहर निकल जाते हैं\ नेत्र ज्योति बढाने के लिए पालक में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए होता है|
पालक विभिन्न उदर रोगों में लाभ प्रद है| आमाशय के घाव छाले और आँतों के अल्सर में भी
पालक का रस लाभ प्रद है| कच्चे पालक का रस आधा गिलास नित्य पीते रहने से कब्ज- नाश होता है| पायरिया रोग में कच्ची पालक खूब चबाकर खाना और पत्ते का रस पीना हितकर है, रक्त की कमी संबंधी विकारों मे पालक का रस १०० मिली दिन में तीन बार पीने से चेहरे पर लालिमा ,शक्ति स्फूर्ति का संचार होता है\ रक्त संचार प्रक्रिया में तेजी आती है और चेहरे के रंग में निखार आता है,पालक का पौधा अपने देश के प्राय: सभी प्रांतों में सुलभता व सस्ते में मिल जाता है। इस में जो गुण है वैसा और किसी शाक में नहीं होता है। ज्यादातर यह शीत ऋतु में पाया जाता है। पालक में कई औषधीय गुण होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। पालक में कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर और खनिज लवण होते हैं। साथ ही पालक में विभिन्न खनिज लवण जैसे कैल्शियम, मैगनीशियम, आयरन तथा विटामिन ए, बी, सी आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
खून की कमी दूर करे– पालक में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है और इसमें मौजूद आयरन शरीर आसानी से सोख लेता है। इसलिए पालक खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। खून की कमी से पीडि़त व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है।
शरीर को बनाए मजबूत- पालक में मौजूद फ्लेवोनाइड्स एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। यह तत्त्व रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने के अलावा हृदय संबंधी बीमारियों से लडऩे में भी मददगार होते हंै। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन सी क्षय होने से बचाता है। सलाद में इसके सेवन से पाचनतंत्र मजबूत होता है और यह भूख बढ़ाने में सहायक होता है।
बालों के लिए उपयोगी- पालक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि बालों के लिए भी बहुत अच्छा होता है। जो लोग बाल गिरने की समस्या से परेशान हैं, उन्हें पालक को अपने नियमित आहार में शामिल करना चाहिए। क्योंकि पालक
शरीर में आयरन की कमी को पूरा करके बालों को गिरने से रोकता है।
रूखापन दूर करे- पालक त्वचा को रूखा होने से बचाता है। साथ ही चेहरे के कील मुंहासे मिटाने और त्वचा को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। पालक का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती हैं या पालक व गाजर के रस में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर पीने से चेहरा सुंदर और कांतिमय होता है।
मस्सल्स में मजबूती- अगर आप अपनी बाहों को गठीला और मस्सल्स को मजबूत बनाने चाहते हैं, तो अपने आहार में पालक को जरूर शामिल करें।
गर्मी से राहत- गर्मी में होने वाले नजले, सीने और फेफड़े की जलन में भी यह लाभप्रद होता है। साथ ही पित्त को शांत करता है और गर्मी के कारण होने वाले पीलिया और खांसी में भी बहुत लाभदायक होता है।
हृदय रोग में लाभ- पालक का सेवन करने से हृदय रोग में भी फायदा होता है। इसके लिए आधा चम्मच चौलाई का रस, एक चम्मच पालक का रस और एक चम्मच नींबू का रस तीनों को मिलाकर सुबह नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोगी को लाभ होने लगेगा।
मोटापा कम करे- पालक के रस में गाजर का रस मिलाकर पीने से चर्बी कम होने लगती है या फिर पालक के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है। पालक आंखों के लिए अच्छी होती है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है।
कैंसर से बचाता है…
कैंसर के लिए भी पालक फ़ायदेमंद साबित हो सकता है. दरअसल, पालक में बीटा कैरोटीन और विटामिन सी होता है. ये दोनों पोषक तत्व विकसित हो रही कैंसर कोशिकाओं से सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसके अलावा यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह फ्री रेडिकल्स और कार्सिनोजन पदार्थ, जिससे कैंसर हो सकता है को भी रोकते हैं. पालक खाने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावनाओं को 44% कम किया जा सकता है.
दाद व खुजली पर पालक के बीजों को छाछ के साथ पीस कर लगाएं.
त्वचा खिली-खिली रहे, इसके लिए आधा कप कटे हुए पालक में 1-1 टीस्पून नींबू रस, शहद और जैतून का तेल मिक्स करके पेस्ट बना लें. स्किन को पानी से धोकर अच्छी तरह पोंछकर इस पेस्ट को लगाएं. 15-20 मिनट बाद धो लें. ऐसा हफ़्ते में दो बार करें.
कब्ज़ से परेशान हैं, तो नियमित रूप से पालक का सूप सुबह-शाम पिएं.
आंखों के नीचे होनेवाले काले घेरे की समस्या में रुई से पालक के रस को प्रभावित जगह पर लगाएं.
यदि पेट में कीड़े की समस्या हो, तो पालक के पत्तों को अजवाइन के साथ पीसकर पानी में घोलकर सोने से पहले तीन दिन तक पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं या निकल जाते हैं.
नियमित रूप से गर्म-गर्म पालक का सूप पीने से शरीर की कमज़ोरी और खून की कमी दूर होती है.
आंतों की बीमारियों में हर रोज़ पालक की सब्ज़ी खाना फ़ायदेमंद है.
पालक में मौजूद एमिनो एसिड स्किन एजिंग की समस्या में राहत दिलाता है. इसके लिए दो कप कटे हुए पालक का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाएं. पांच मिनट बाद धो लें. इसे हफ़्ते में दो बार करें.
पालक का क्षार शरीर की सूजन कम करता है.
नाक से खून गिरने यानी नकसीर की तकलीफ़ में पालक को अनार के दाने के साथ मिलाकर कच्चा खाने या फिर सब्ज़ी बनाकर खाने से आराम मिलता है और खून गिरना बंद हो जाता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एक ग्लास
पालक जूस पिएं. सुबह पीना अधिक फ़ायदेमंद है.
इन सब के अलावा पालक को सब्ज़ी, सूप, सलाद, जूस, परांठे, पालक पनीर, दाल पालक आदि रूप में नियमित रूप से उचित मात्रा में खाएं.