जामुन कम समय के लिए आने वाला लेकिन बेहद लाभदायक फल है। यह स्वाद और सेहत से भी भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। जामुन के सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है।
यह पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी है। खास बात यह है कि डायबिटीज वाले लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं। बस एक बात का ध्यान रखें कि कभी भी खाली पेट जामुन का सेवन न करें। न ही कभी जामुन खाने के बाद दूध का सेवन करें। साथ ही अधिक मात्रा में भी जामुन खाने से बचें।
यदि आप अपने चेहरे पर रौनक लाना चाहती हैं तो जामुन के गूदे का पेस्ट बनाकर इसे गाय के दूध में मिलाकर लगाने से निखार आता है।
विटामिन सी की कमी को दूर करने के लिए जामुन खाना अच्छा रहता है। बहुत कम लोगों को यह मालूम होगा कि जामुन में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
जामुन शुगर पेशेंट के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमे कैरोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सोडियम भी पाया जाता है। इस वजह से यह शुगर का लेवल मेंटेन रखता है।
जामुन का सिरका बनाकर बराबर मात्रा में पानी मिलाकर सेवन करने से यह न केवल भूख बढ़ाता है, बल्कि कब्ज की शिकायत को भी दूर करता है।
जामुन में फ्लेवोनॉइड्स, फेनॉल्स, प्रोटीन और कैल्शियम भी पाया जाता है, जो सेहत के लिए लाभकारी होता है।
ग्लूकोज और फ्रक्टोज के रूप में मिलने वाली शुगर शरीर को हाईड्रेट करने के साथ ही कूल और रिफ्रेश करती है।
जामुन में फाइटोकेमिकल्स भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
अगर आपको कमजोरी महसूस होती है या आप एनीमिया से पीडित हैं तो जामुन का सेवन आपके लिए
फायदेमंद रहेगा।
यदि आपको एसिडिटी की समस्या रहती है तो काले नमक में भुना जीरा मिलाकर पीस लें। फिर इसके साथ जामुन का सेवन करें। एसिडिटी की समस्या दूर हो जाएगी।
यदि आपका बच्चा बिस्तर गीला करता है तो जामुन के बीजों को पीसकर आधा-आधा चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ पिलाएं।
जामुन के और भी फायदे हैं-
जामुन को मधुमेह के बेहतर उपचार के तौर पर जाना जाता है।
पाचनशक्ति मजबूत करने में जामुन काफी लाभकारी होता है।
यकृत (लिवर) से जुड़ी बीमारियों के बचाव में जामुन रामबाण साबित होता है।
अध्ययन दर्शाते हैं कि जामुन में एंटीकैंसर गुण होता है।
कीमोथेरेपी और रेडिएशन में जामुन लाभकारी होता है।
हृदय रोगों, डायबिटीज, उम्र बढ़ना और अर्थराइटिस में जामुन का उपयोग फायदेमंद होता है।
जामुन का फल में खून को साफ करने वाले कई गुण होते हैं।
जामुन का जूस पाचनशक्ति को बेहतर करने में सहायक होता है।
जामुन के पेड़ की छाल और पत्तियां रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर होती हैं।
कब्ज और उदर रोग में जामुन का सिरका उपयोग करें। जामुन का सिरका गुणकारी और स्वादिष्ट होता है, इसे घर पर ही आसानी से बनाया जा सकता है और कई दिनों तक उपयोग में लाया जा सकता है।
सिरका बनाने की विधि- काले पके हुए जामुन साफ धोकर पोंछ लें। इन्हें मिट्टी के बर्तन में नमक मिलाकर मुँह साफ कपड़े से बाँधकर धूप में रख दें। एक सप्ताह धूप में रखने के पश्चात इसको साफ कपड़े से छानकर रस को काँच की बोतलों में भरकर रख लें। यह सिरका तैयार है।
मूली, प्याज, गाजर, शलजम, मिर्च आदि के टुकड़े भी इस सिरके में डालकर इसका उपयोग सलाद पर आसानी से किया जा सकता है। जामुन साफ धोकर उपयोग में लें।
यथासंभव भोजन के बाद ही जामुन का उपयोग करें। जामुन खाने के एक घंटे बाद तक दूध न पिएँ। जामुन पत्तों की भस्म को मंजन के रूप में उपयोग करने से दाँत और मसूड़े मजबूत होते हैं।
जामुन के शाखाओं में और छाल में पाए जाने वाले तत्व:-
टैनिन
गैलिक एसिड
रेसिन
फाइटोस्टीराल
जामुन के बीज में पाया जाने वाला तत्व :जामुन गर्मियों के मौसम में बाजार में आने लगता है इसके पीछे यह कारण भी है की जब अधिक गर्मी में किसी को लू लग जाती है तो उसे जामुन की मदद से ठीक किया जाता है। आइए जानते हैं की जामुन से और क्या क्या फायदे होते हैं।
ग्लाइकोसाइड
जंबोलिन
गैलिक एसिड
जामुन खाने के फायदे:-
पाचन क्रिया को मजबूत करता है :जामुन के सेवन से व्यक्ति के पेट से जुड़ी समस्या का समाधान मिलता है यह पाचन क्रिया को मजबूत करता है जिससे कब्ज या गैस जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है।
डायबिटीज को कम करता है :जामुन डायबिटीज के रोगियों के लिए एक रामबाण उपाय माना जाता है जामुन के बीज को सुखाकर पीसकर उसके पाउडर के सेवन से डायबिटीज कम हो जाता है।
पथरी के समस्या को दूर करता है :जामुन का सेवन करने से पथरी में फायदा मिलता है अगर किसी को पथरी की समस्या हो रही है तो जामुन के बीज को सुखाकर उसका पाउडर बनाकर दही के साथ खाने से लाभ मिलता है।
त्वचा को निखारने के लिए
जामुन को त्वचा के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है जिन व्यक्ति को त्वचा पर सफेद दाग हो जाते हैं उनके लिए जामुन काफी फायदेमंद होगा। जामुन के गुर्दे का पेस्ट बनाकर उसे सफेद दाग पर लगाएं ऐसा करने से आप के दाग हल्के पढ़ने लगेंगे और कुछ समय बाद हट भी जाएंगे।
पायरिया (मसूड़े)के लिए है फायदेमंद :अगर किसी व्यक्ति को पायरिया की शिकायत है तो जामुन की गुठली को पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिला लें ।फिर इस मिश्रण से रोज अपने दांतों और मसूड़ों पर मले ।ऐसा रोजाना करने से आपके मसूड़ों से खून निकलना बंद हो जाएगा। आपको पायरिया की शिकायत से भी छुटकारा मिल जाएगा। जामुन के पत्तों की राख से मंजन करने से भी इसमें लाभ मिलता है। अगर आपके मसूड़ों में सूजन आ जाती है, या फिर बहुत कमजोर है, तो जामुन के मुलायम पत्तों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से फायदा होता है और साथ ही मुंह से दुर्गंध भी नहीं आती।
एनीमिया के लिए है फायदेमंद :जामुन में कैल्शियम पोटेशियम आयरन और विटामिन ए जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है साथ ही अगर किसी के शरीर में खून की कमी आ जाती है तो जा जामुन का रोजाना सेवन करने से खून का असर बढ़ने लगता है।
लिवर के लिए है फायदेमंद :अगर आपका लीवर कमजोर है तो रोजाना सुबह-शाम जामुन का सेवन करने से या जामुन का रस पीने से यह समस्या लगभग खत्म हो जाती है।
अतिसार (Diarrhea) की समस्या को दूर करता है :जामुन के पेड़ की छाल को पानी में उबालकर पीने से अतिसार की समस्या में राहत मिलती है। अगर गर्भवती महिला को अतिसार की समस्या है तो उनके लिए भी यह बहुत फायदेमंद होता है।
गठिया की समस्या में आराम मिलता है :जामुन के पेड़ की छाल को अच्छी तरह से उबालकर फिर उस छाल को पीसकर उसका लेप घुटनों पर लगाने से गठिया की समस्या में आराम मिलता है।
घाव को सही करता है :कई बार हमारे हाथ और पैरों में कई कारणों से छाले पड़ जाते हैं ऐसी स्थिति में अगर आप जामुन की गुठली को पीसकर उसका लेप बनाकर छालों पर लगाएंगे तो आपको दर्द से आराम मिल जाएगा और अगर आपको कहीं घाव हो गया है तो उसमें भी यह जामुन का लेप लगाने से फायदा मिल सकता है।
रक्तपित्त की समस्या को दूर करता है :कान नाक या फिर किसी अन्य अंग से खून बहने के समस्या को रक्तपित्त कहा जाता है ऐसी परिस्थिति में जामुन का सेवन फायदेमंद माना गया है। जामुन के 5 से 10 पत्ते के रस को दिन में तीन बार सेवन करने से लाभ मिलता है।
सिफलिस रोग में है फायदेमंद
जामुन के पत्तों को तेल में पकाकर सिफलिस से प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है।
बवासीर के दर्द मैं है फायदेमंद :अगर आपको बवासीर की समस्या है तो जामुन के कोमल पत्ते का लगभग 20 ML रस निकालने फिर इसमें थोड़ी सी शक्कर मिला लें इस मिश्रण को दिन में 3 बार पीने से बवासीर मैं आने वाला खून बंद हो जाएगा। इसके अलावा अगर जामुन के 10 ग्राम कोमल पत्तों को 250 ML गाय के दूध में मिलाकर घुटने ऐसा लगातार 7 दिन तक सुबह दोपहर शाम को पीने से बवासीर में बहने वाला खून बंद हो जाएगा।
जामुन में पाए जाने वाले तत्व
S.No | तत्व के नाम |
---|---|
1 | आयरन |
2 | विटामिन C |
3 | ग्लूकोस |
4 | फ्रुक्टोज |
5 | विटामिन A राइबोफ्लेविन |
6 | निकोटिन एसिड |
7 | फोलिक एसिड |
8 | सोडियम |
9 | पोटैशियम |
10 | कैल्शियम |
11 | फास्फोरस |
12 | जिंक |