निद्राल्पता,नींद नहीं आने के उपचार
आपको रात में नींद ठीक से नहीं आती या फिर एक बार नींद खुल जाने के बाद दोबारा नींद ही नहीं आती. कहते हैं मेहनत करने के बाद नींद अच्छी आती है लेकिन बदलती जीवनशैली में भागदौड़ और तनाव भरी दिनचर्या के बाद भी कई बार हमें नींद नहीं आने की शिकायत होती है फिर भी हम इसकी अनदेखी करते हैं।
नींद की कमी होना या निद्राहीनता की स्थिति को आधुनिक चिकित्सा में इन्सोम्निआ अथवा स्लीप डिसओर्डर कहते हैं। शरीर की क्रियाओं के संतुलित संचालन हेतु नींद की महता निर्विवाद मानी गई है। नींद से तनाव और चिंताओं का शमन होता है। वयस्क व्यक्ति के लिये ७ से ९ घंटे की नींद जरुरी है। हर इन्सान को जीवन में कभी न कभी निद्राहीनता की तकलीफ़ से रुबरू होना पडता है।
निद्राहीनता से मस्तिष्क को वांछित आराम नहीं मिल पाता है जिससे दैनिक गतिविधियों में बाधा पडती है। आधुनिक चिकित्सा में निद्राल्पता की चिकित्सा के लिये कई दवाएं मौजूद हैं लेकिन इन दवाओं के शरीर पर अवांछित प्रभाव भी देखने में आ रहे हैं। अत: निद्राल्पता का कुदरती एवं घरेलू पदार्थों से इलाज करना उचित है।
1) पोस्तदाना (पोपी सीड्स) सुबह पानी में गला दें शाम को थोडा सा पानी डालकर मिक्सर में चलाकर करीब ४० मिलि दूध बनालें। इसमें उचित मात्रा में शकर मिलाकर रात को सोते वक्त पियें। निद्राहीनता का बेहद कारगर उपचार है।
2) रात को सोते वक्त एक गिलास गाय का मामूली गरम मीठा दूध पीना हितकर है।
3) घी और मक्खन का उपयोग निद्राहीनता में लाभकारी हैं।
4) जायफ़ल ३-४ नग पीसकर पावडर बनालें। सोने से पहिले पानी के साथ लें॥गुणकारी उपचार है।
5) नियमित समय पर सोना और नियमित समय पर उठने का नियम बनाकर उस पर सख्ती से अमल करे। ९ बजे रात को सोना और सुबह ५ बजे उठना श्रेष्ठ नियम है।
6) रात को टीवी देखने से परहेज करें।
7) केला,दही, हरी सब्जियां नींद की कमी में उपकारी है।
8) दिन के समय ज्यादा नींद लेने से रात की नींद में व्यवधान पडता है। अत: दिन में लंबी नींद वर्जित है।
9) केफ़िन तत्व की प्रधानता वाली वस्तुओं का सेवन बिल्कुल कम कर दें । चाय और काफ़ी में केफ़िन तत्व ज्यादा होता है। अत: इनका उपयोग बिल्कुल कम से कम करें।
10) शराब पीने और धूम्रपान करने से शरीर के तरल पदार्थों पर विपरीत असर होता है जिससे ऊनींदापन और निद्राहीनता पैदा होती है। अत: इनका त्याग आवश्यक है।
11) बाबा रामदेव के बताये अनुलोम-विलोम एवं कपाल भार्ती प्राणायाम से नींद की समस्या काफ़ी हद तक समाधान हो जाती है।
12) नींद की समस्या ग्रामीण लोगों की तुलना में शहरी लोगों में ज्यादा दिखाई देती है। शरीर श्रम नहीं करने वालों को पर्याप्त नींद नहीं आती है। व्यवसाय संबंधी चिंता और घरेलू क्लेश से भी निद्राहीनता पैदा होती है।
13) नियमित रूप से व्यायाम करना और सुबह के वक्त ३-४ किलोमिटर घूमना अत्यंत उपादेय है।
14) गरम पानी में तोलिया भिगोकर,निचोडकर उसे रीढ की हड्डी पर रखें। गरम जल में दोनों पैरों को १५ मिनिट तक डुबाकर रखें। सोने से पहिले ये उपाय करने से अच्छी नींद आती है।
15) दो संतरे के रस में २० ग्राम शहद और ५० मिलि पानी मिलाकर रात को सोते वक्त पीने से अनिद्रा का निवारण होता है।
16) अधिक उम्र के लोगों को बनिस्बत कम अवधि की नींद आती है। यह कोई रोग नहीं है।