अंकोल के औषधीय गुण, लाभ और नुकसान
अंकोल जिससे भारत के विभिन्न भागों में बड़ी आसानी से पाया का सकता है, एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है। अंकोल को दक्षिण भारत में ज़्यादातर अनकोलम के नाम से जाना जाता है। अंकोल में बहुत से चमत्कारी गुण मौजूद हैं। इसकी हर एक चीज औषधीय गुणों से भरी है। चाहे पत्तें हो या जड़े, चाहे फल हो या छाल, हर चीज का इस्तेमाल किसी ना किसी रोग को ठीक करने में किया जाता है। अंकोल को एक खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है, जिसके पत्तों, टहनियों और फलों में अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में प्राचीन समय से ही कई अलग-अलग समस्याओं का इलाज करने के लिए इससे दवाएं बनाई जाती हैं और आजकल इसे एक घरेलू नुस्खे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। अंकोल का पेड़ प्रमुख रूप से भारत में पाया जाता है और इसे अनकोलम के नाम से भी जाना जाता है।
आजकल मार्केट में अंकोल का तेल, सूखे बीज व अन्य कई उत्पाद आसानी से मिल जाते हैं।आयुर्वेद में अंकोल का बहुत महत्व है। अंकोल के तेल से खुजली से राहत पाई जा सकती है। इतना ही नहीं अंकोल का तेल त्वचा पर पनपने वाले बैक्टेरियल और फंगल इंफेक्शन से भी लड़ता है। अंकोल हर्पीस और एक्जिमा के संक्रमण को भी खत्म कर देता है। अंकोल के फल खाने में खट्टे मीठे होते हैं। यह दिखने में काले और जामुनी रंग के होते हैं। इसके फलों से भारी माहवारी रक्तस्राव और कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है। अंकोल की टहनियों का प्रयोग गांव में लोग दातून के तौर पर भी करते हैं, जिससे उनके दांत स्वस्थ रहते हैं। अगर आपको पेशाब करते समय तकलीफ़, दर्द या जलन महसूस होती है तो इसमें भी अंकोल एक मददगार औषधि है। एक एथलीट अपनी शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए अंकोल का सेवन कर सकता है। अंकोल में मौजूद स्टेरॉयड मांसपेशियों का विकास करती हैं और शरीर को फौलादी बनाती है। आइए जानते हैं अंकोल के ऐसे और भी करामात फायदे।
पौधे के अन्य भाषाओं में नाम
लेटिन – अलैंगियम सलविफोलियम (Alangium salvifolium)
अंग्रेजी – Sage leaved Alangium
हिंदी – ढेर, अंकोल
संस्कृत – अंकोट, दीर्घाकिला, अंकोल, मल्लिका, गन्धपुष्प, आदि
मराठी / गुजराती – अंकोल
तमिल – एलंगी
कन्नड़ – अंकोलीमरा
बंगाली – अकोड़ा
तेलुगु – अमकोलामु
अंकोल पौधे के औषधीय गुण
रस – तिक्त, कषाय
गुण – लघु, रुक्ष
वीर्य – उष्ण
विपाक – कटु ।
शरीर के अंदर हानिकारक विष के असर को खत्म करने वाला ,वात और कफ नाशक होता है ।
अंकोल पौधे के प्रयोज्य अंग
जड़ की छाल
पत्ते
फल
बीज
अंकोल पौधे से तैयार तेल
एक श्लोक में कहा गया है कि अंकोल का फल शीतल, स्वादिष्ट, कफनाशक, बृंहण, पाक में गुरु, बलकारक, वायु, पित्त, दाह, क्षय तथा रक्तविकारों को दूर करने वाला होता है।
1. गठिया के लक्षण में प्रभावी है अंकोल : रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) एक प्रकार का हड्डियों का विकार (Bone Disorder) है। इसमें आपको हड्डियों में सूजन संबंधित समस्याएं होती हैं साथ ही जोड़ों में भी दर्द होता है। सूजन के कारण इसका बुरा परिणाम शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अंकोल का सेवन बहुत लाभदायक साबित होता है। इसमें मौजूद अल्कालॉइड्स alkaloids, ट्रिटरपिनॉइड्स( Triterpenoids), फ्लेवनॉइड्स और सपोनिन्स (Flavonoids and Saponins) रूमेटॉइड अर्थराइटिस से राहत दिलाते हैं। दर्द के साथ-साथ सूजन को भी कम करते हैं।
2. बवासीर में प्रभावी है : बवासीर की स्थिति में आपके गुदो में सूजन हो जाती है, जो अत्यंत पीड़ादायक हो सकती है। इसकी वजह से गुदा के अंदर और बाहर की जगहों पर मस्से बन जाते हैं। यह बेहद पीड़ादायक समस्या है। इससे ग्रस्त लोग अंकोल का सेवन कर दर्द से राहत पा सकते है। अंकोल में मौजूद विटामिन सी (Vitamin C) पाइल्स के लिए अच्छे माने जाते है। अंकोल में सूजनरोधक गुण होता है जो गूदा में सूजन काम करता है। इससे बवासीर के रोगियों को काफी राहत मिलती है।
3. अस्थमा में प्रभावी है : अस्थमा जिसे आम भाषा में दमा कहा जाता है, यह एक श्वास संबंधी रोग है। अस्थमा के लिए अंकोल एक चमत्कारी औषधि है। अंकोल के पत्तो में अल्कालॉयड (alkaloid) साथ ही डीऑक्सीट्यूबोलोसिस (Deoxytubulosive) मौजूद होते हैं, जो कि अस्थमा से राहत दिलाते हैं। अस्थमा के रोगियों को अंकोल के पत्तो का लेप या जूस निकलकर इसका सेवन जरूर करना चाहिए। 4. डेंगू में प्रभावी है : डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी में भी अंकोल के पत्तों और फलों का इस्तेमाल कर हम अपने करीबियों को ठीक कर सकते है। अंकोल के पत्तों को गर्म कर शरीर पर लगाने से तेज़ बुखार में आराम मिलता है। अंकोल के फलों का पल्प निकलकर उससे अच्छे से पीसकर लगाएं। इससे शरीर में उठ रहे दर्द से राहत मिलती है। साथ ही अंकोल की जड़ों का चूर्ण और सूखी अदरक साथ में लेने से डेंगू जल्दी ठीक हो जाता है। डेंगू के मरीजों को अंकोल का सेवन अवश्य करना चाहिए।
5. डायरिया प्रभावी है ;डायरिया (Diarrhea) या दस्त लगना एक कष्टदाई रोग है। इसमें पेट दर्द के साथ-साथ बरवनार मल त्याग करना पड़ता है, जिसके कारण शरीर में कमज़ोरी आ जाती है। ऐसे में अंकोल का फल एक औषधि के रूप में काम करता है। अंकोल का फल खाने से डायरिया में बहुत जल्दी आराम आने लगता है। डायरिया के दौरान शरीर को मजबूत बनाने के लिए हाई पोटैसियम फूड (High Potassium Food) खाना चाहिए और अंकोल में हाई पोटैशियम की प्रचुरता भरपूर पाई जाती है।
6. मिर्गी के दौरे में असरदार : मिर्गी का दौरा एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) है, जिसमें मरीज का दिमाग ठीक से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है। ऐसी अवस्था में अंकोल आपके लिए घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे की तरह काम करता है। बता दें कि अंकोल के पत्तों में ट्राइटरपीन (Trighterpin) , टैनिन और कुछ स्टेरॉइड की मात्रा उपलब्ध रहती है, जो आपकी शरीर में मिर्गी जैसी स्थिति को काबू करते हैं।
7. दिल को रखे स्वस्थ :अंकोल का फल और इसके पत्ते आपके दिल की सेहत को भी सुरक्षित रखते हैं। इसमें पाया जाने वाला फेलोनिक ग्लाइकोसाइड और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण आपके हृदय संबंधी विकारों को होने से रोकता है। आपके दिल में पहुंचने वाले रक्त संचार में बाधा बन रही चीजों को दूर करता है।
8 .ल्यूकोरिया को दूर करने में सहायक : आज के समाज में ल्यूकोरिया यानि महिलाओं में योनि से निकलने वाले सफेद पानी की समस्या सामान्य सी हो गयी है और अगर इस समस्या को जल्दी दूर नहीं किया जाता तो यह आगे चलकर योनि के संक्रमण की एक गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है। योनि रोगों से सुरक्षित रहने के लिए महिलाओं को अंकोल के फलों का 1 चम्मच गूदा, आधा चम्मच तिल का तेल और आधा चम्मच शहद का मिश्रण करके सुबह और शाम सेवन करना चाहिए। यह महिलाओं के योनि रोगों को बहुत जल्दी दूर करने में मदद करता है।
अंकोल के फल और पत्तों का सेवन वास्तव में आपको कई बीमारियों से दूर रख सकता है। यदि इसका सेवन किया जाए तो आपकी शरीर में होने वाले सभी विकार दूर हो सकते हैं।
अंकोल के नुकसान
एक दवा के रूप में इसका इस्तेमाल करना आमतौर पर सुरक्षित माना गया है। हालांकि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से निम्न साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं -
पेट में दर्द
सीने में जलन
कब्ज
हालांकि, गर्भवती महिलाओं या अन्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के शरीर पर अंकोल से गंभीर प्रभाव भी पड़ सकते हैं।
अंकोल का उपयोग कैसे करें
अंकोल का इस्तेमाल निम्न तरीके से किया जा सकता है -
पत्तों के रस को पानी में मिलाकर
पत्तों या टहनियों को पानी में उबालकर
काढ़ा बनाकर
आपको किस प्रकार और कितनी मात्रा में अंकोल का सेवन करना चाहिए इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर से बात करें।