क्या आप जानते हैं कि मटके के पानी में है अमृत...


क्या आप जानते हैं कि मटके के पानी में है अमृत

 
क्या आप जानते हैं कि मटके के पानी में है अमृत


सच में, मटके के पानी में हैं बड़े गुण, जिन्हें जानकर चौंक जाएंगे..

गर्मियां अपने चरम पर हैं ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरीर को ठंडा रखें। शरीर को गर्मी से बचाने के लिये आप पानी से भरपूर फल और सब्‍जियों का सेवन करने के साथ साथ मिट्टी के घड़े का पानी भी पिएं। जी हां, मिट्टी के घड़े का पानी स्‍वास्‍थ्‍य के लिये किसी अमृत से कम नहीं है। मिट्टी के घड़े को गरीबों का फ्रिज भी कहते हैं। अगर आपको लगता है कि मिट्टी के घड़े का पानी उतना ठंडा नहीं रहता जितना कि फ्रिज में रखा पानी तो, आप गलत हैं। मिट्टी के घडे़ का पानी प्राकृतिक तौर पर ठंडा होता है। 

बड़े-बड़े विशेषज्ञों का मानना है कि मिट्टी के घड़े में रखा पानी गुण से भरा होता है और तमाम बीमारियों को मिटाता है। आइये जानते हैं मिट्टी के घडे़ का पानी पीने से क्‍या क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलते हैं... 

बीमारियों से लड़े 

मटके में रखा पानी कई बीमारियों से लड़ने में आगे होता है। इसका पानी पीने से पाचन क्रिया ठीक रहती है और मेटाबॉलिज्‍म अच्‍छी तरह से काम करता है। 

शरीर की गंदगी निकाले

यदि आप नियमित रूप से मटके का पानी पिएंगे तो यह आपके शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर देगा। इसके अलावा यह प्रतिरक्षा प्रणाली को और भी तेज कर देगा जिससे बीमारियां आपके पास भी नहीं फटकेंगी। 

 पेट रहता है साफ 

इस पानी को पीने से पेट में कभी कब्‍ज नहीं होगी। इससे पेट हमेशा ठीक रहता है। 

गला रहता है ठीक 

अक्‍सर ठंडा पानी पीने से गला खराब हो जाता है। लेकिन वहीं अगर आप घडे़ का पानी पीते हैं आपका गला हमेशा ठीक रहेगा। ठंडा पानी पीने से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक गिर जाता है जिससे परेशानियां पैदा हो जाती हैं। 

● आयुर्वेद में मटके के पानी को शीतल, हल्का, स्वच्छ और अमृत के समान माना गया है।

● यह प्राकृतिक जल का स्रोत है जो ऊष्मा से भरपूर होता है और शरीर की गतिशीलता को बनाए रखता है।

● मटके की मिट्टी कीटाणुनाशक होती है जो पानी में से दूषित पदार्थों को साफ करने का काम करती है।

● इस पानी को पीने से थकान दूर होती है।

● इसे पीने से पेट में भारीपन की समस्या भी नहीं होती।

● रक्त बहने की स्थिति में मटके के पानी को चोट या घाव पर डालने से खून बहना बंद हो जाता है।

● सुबह के समय इस पानी के प्रयोग से हृदय व आंखों की सेहत दुरुस्त रहती है।

● गला, भोजन नली और पेट की जलन को दूर करने में मटके का पानी काफी उपयोगी होता है।

परहेज़ बरतें

● जिन लोगों को अस्थमा की समस्या हो वे इस पानी का प्रयोग न करें क्योंकि

●इसकी तासीर काफी ठंडी होती है जिससे कफ या खांसी बढ़ती है।

●जुकाम, पसलियों में दर्द, पेट में आफरा बनने की स्थिति व शुरुआती बुखार के लक्षण होने पर मटके का पानी न पिएं।

●तली-भुनी चीजें खाने के बाद यह पानी न पिएं वर्ना खांसी हो सकती है।

मटके का रख रखाव (सावधानी)

●मटके का पानी रोजाना बदलें।

●लेकिन इसे साफ करने के लिए अंदर हाथ डालकर घिसे नहीं वर्ना इसके बारीक छिद्र बंद हो जाते हैं और पानी ठंडा नहीं हो पाता।

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