आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे वैद्य जी
गोंद कतीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है :आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे वैद्य जी
गोंद कतीरा तासीर में ठंडा है, इसलिए गर्मी में इसका सेवन करें। इसके सेवन से शरीर में ताक़त बनी रहती है पेशाब में जलन और पेशाब सम्बंधित बीमारी में यह रामबाण की तरह काम करता है गोंद कतीरा का प्रयोग विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।
गोंद कतीरा के गुण
गोंद कतीरा शरीर के* खून को गाढ़ा करता है, हृदय की कठोरता को दूर करता है और आंतों की खराश को दूर करके बलवान बनाता है। यह शरीर से निकलने वाले खून को रोकता है, सांस रोग को दूर करता, खांसी को नष्ट करता व कफ दूर करता है। यह छाती की खरखराहट और फेफड़ों के जख्मों को खत्म करता है। इसका प्रयोग जहर को उतारने के लिए भी किया जाता है विशेषकर गर्म मिजाज वालों व्यक्ति के जहर को। पेशाब की जलन, मासिकस्राव का कम आना, हाथ-पैरों की जलन, सिर की जलन, खुश्की, अधिक प्यास लगना आदि रोग ठीक होते हैं।.
शरीर की गर्मी व जलन से छुट्टी-
अगर आपके हाथ-पैरों में जलन की समस्या हो तो 2 चम्मच कतीरा को रात को सोने से पहले 1 गिलास पानी में भिगों दें। सुबह कतीरा के फूल जाने इसको शक्कर के साथ मिलाकर रोजाना खाने से हाथों और पैरों की जलन दूर हो जाती है। अगर शरीर अधिक गर्म महसूस हो तो कतीरा को पानी में भिगोकर मिश्री मिले शर्बत के साथ घोटकर सुबह-शाम सेवन करें। इससे शरीर की गर्मी दूर होती है। इसके सेवन करने से गर्मियों में लू से बचा जा सकता है।
स्त्री रोग मे फायदेमंद-
कतीरा गोंद का सेवन महिलाओं की समस्याए जैसे बच्चा होने के बाद की कमजोरी,माहवारी की गड़बड़ी या ल्यूकोरिया आदि की समस्या को ठीक करता है। यह कमजोरी और उसके कारण होने वाली शारीरिक अनियमिताओं को ठीक करता है। गोंद कतीरा तथा मिश्र को बराबर की मात्रा में मिलाकर पीस लें और 2 चम्मच की मात्रा में कच्चे दूध के साथ सेवन करें |
स्वप्नदोष –
स्वप्नदोष के लिए, करीब ६ ग्राम गोंद कतीरा, रात को एक कप पानी में भिगा दी जाती है। रात भर में यह गोंद फूल जाता है जिसमे मिश्री १२ ग्राम मिलाकर खाया जाता है। १०-१५ दिन तक इसके सेवन से स्वप्न दोष में लाभ होता है।
पैरों की जलन -
गोंद कतीरा रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसमें चीनी मिलाकर सेवन करें। इससे हाथों-पैरों की जलन दूर होती है। इसका प्रयोग गर्मियों में बहुत ही लाभदायक है।
मूत्ररोग-
10 ग्राम से 20 ग्राम गोंद कतीरा सुबह शाम फुलाकर मिश्री के साथ शर्बत घोटकर पीने से मूत्ररोग में लाभ मिलता है।