.अयोध्या । लकवा एक गम्भीर रोग है। शरीर का एक अंग मारा जाता है। अंग निष्क्रिय हो जाने से रोगी असहाय हो जाता है।
पक्षाघात (लकवा) के कारण
शरीर के किसी भाग में खून न पहुंचने से अंग सुन्न होना लकवा है।
कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन,
बीपी के बढ़ने,
मर्म स्थान पर चोट पहुंचने,
मानसिक दुर्बलता,
नाड़ियों की कमजोरी।
लकवा कितने प्रकार का होता है
(1). सारे शरीर में
(2). आधे शरीर में
(3). केवल मुंह में
पक्षाघात (लकवा) की पहचान
शरीर की नाड़ियों और छोटी नसों में खून का संचार बंद हो जाना।
सिंधियों तथा जोड़ों में शिथिलता।
अंग का बेकार होना।
अंग को चलाने, फिराने में असमर्थ।
मुख पर गिरने से बोलने की असमर्थता।
आंख, नाक, कान आदि विकृत होना।
दांतों में दर्द, गरदन टेढ़ी, होंठ नीचे की तरफ लटकना।
घरेलु नुस्खे
तुलसी के पत्तों को उबालो
उसकी भाप से रोगी के लकवाग्रस्त अंगों की सेंकाई करें।
तुलसी के पत्ते, अफीम, नमक और दही का लेप अंगों पर थोड़ी-थोड़ी देर बाद लगाएं।
कलौंजी के तेल की मालिश लकवे के रोगी के लिए रामबाण है।
आक के पत्तों को सरसों के तेल में उबालकर मालिश करें।
तिली के तेल में कालीमिर्च मिलाकर इसकी मालिश पर करें।
सोंठ और उरद (साबुत) को 200 ग्राम पानी में उबालें, छाने, दिन में 4-5 बार दें।
पानी में शहद डालकर रोगी को दिन में 4-5 बार दें (लगभग 100gm)
अजमोद 10gm, सौंफ 10gm, बबूना 5gm, बालछड़ 10gm तथा नकछिनी 20gm-
सबको पानी में काढ़ा बना लें।
एक शीशी में भरकर रख लें।
4 चम्मच काढ़ा प्रतिदिन सुबह के समय सेवन करें।
सरसों के तेल में थोड़े से धतूरे के बीज डालकर पकायें, तेल को छानकर मालिश करें।
दूध में एक चम्मच सोंठ और जरा सी दालचीनी डालकर उबालें, छाने, थोड़ा शहद डालकर लेँ।
लहसुन की 4-5 कलियां मक्खन के साथ लें।
क्या खाएं.
गेहूं की रोटी,
बाजरे की रोटी,
कुलथी, परवल, करेला, बैंगन, सहजन की फली, लहसुन, तरोई।
फलों में पपीता, आम, अंजीर, चीकू।
दूध सुबह-शाम पियें।
क्या नही लेना चाहिये.
चावल, दही, छाछ, बर्फ की चीजें, तले हुए, दालें, बेसन, चना।
सरसों का तेल, विषगर्भ तेल, तिली का तेल, निर्गुण्डी का तेल, बादाम का तेल या अजवायन का तेल से मालिश करें।
एरण्ड का तेल तथा हरड़, बहेड़ा, आंवला (त्रिफला) भी रोगी ले सकते हैं।
आज हम आप को ये बताने जा रहे हैं कि लकवा होने के कारण, लकवे से कैसे बचे और लकवे के उपाय। जब कि व्यक्ति का एक हिस्सा या दोनों हिस्से सुन पड़ जाते हैं यह लकवे के लक्षण होते हैं ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं बढ़ती उम्र, ज्यादा टेंसन, ब्लड प्रेशर, ज्यादा गुस्सा आ जाना, आदि। और जब दिमाग के एक हिस्से में खून जम जाता है तो दिमाग के उस हिस्से में क्षति पहुँचती है जिस से लकवा होता है।
लकवे के लक्षण
लकवे के लक्षण इस बात पर निर्भर करता है कि दिमाग का कौन- सा हिस्सा खराब हुआ है क्योंकि दिमाग के कई हिस्से शरीर कुछ अंग को चलाते हैं लकवे के सबसे बड़े लक्षण अचानक याददाश्त कमजोर हो जाना, हाथ या पैर में कमजोर, आंखों से कम दिखना, चेहरे का टेड़ा हो जाना, आदि। ये लकवे के लक्षण होते हैं।
लकवे की पहचान
जब कि भी व्यक्ति को लकवा मार जाता है तो उस की पहचान आप बहुत आसान तरीके से कर सकते हैं उस व्यक्ति को दोनों आंखे जोर लगा कर बंद करने को कहे जिस तरह लकवा होगा उस तरह की आंखे अच्छे से बंद नही होगी। जब भी वह हँसने लगे तो उसका चेहरा जिस तरफ लकवा होगा उस तरफ से चेहरा टेड़ा हो जाएगा और उसे बोलने में भी परेशानी हो सकती है सही तरीके से वह बोल नही पाता है।
क्या लकवे का मरीज ठीक हो सकता है
काफी मरीजों में लकवा मार जाने के बाद हफ्तों के अंदर आराम मिल जाता है लेकिन कुछ मरीजों को सालों के बाद आराम मिलता है। अगर किसी जवान को लकवा हो जाए तो कुछ हद तक जल्दी ठीक हो जाते हैं और अगर किसी बड़े बुजुर्ग को लकवा मार जाए तो समय लग जाता है क्योंकि बुजुर्ग के मुकाबले जवान के शरीर के पार्ट ज्यादा काम करते हैं इसीलिए जवान की जल्दी ठीक होने की उम्मीद होती है।
लकवे के मरीज के लिए उपाय
1 लकवे के मरीज को रोज थोड़ी सी व्यायाम, योग, पैदल चलना, आदि जरूर करना चाहिए।
2 अगर आप के शरीर में खून की कमी है तो आप जिस फल से खून बनता है उस फल का सेवन जरूर करना चाहिए जैसे अनार, सेब, आदि।
3 सुबह जल्दी उठ कर ताजी हवा ले। 8 बजे की पहली धूप में सभी कपड़े पहन कर करीब 15 मिटन तक बैठ जाए ऐसा करने से आप के खून की गति तेज होगी और विटामिन की कमी भी दूर होगी।
4 लकवे के मरीज को कोई भी ऐसी बात ना बताए जिस से उसे टेंसन हो जाए जितना हो सके उसे खुश करने की कोशिश करें।
5 जब तक लकवे का मरीज पूरी तरह से ठीक ना हो जाए उसे तांबे के बर्तन में ही पानी पिलाए तांबे के बतर्न का पानी लकवे के मरीज के लिए रामबाण का काम करता है।